पुराणों में है जिस नगरी का उल्लेख और जो है सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी के पुत्र राजा दक्ष की राजधानी कनखल में गंगा के किनारे अपनी लीलाओं से लोगों को मोह लेने वाले भगवान कृष्ण भी विराजते हैं. वैसे तो कृष्ण की नगरी यमुना के किनारे मथुरा और वृंदावन है, लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि कृष्ण भगवान राधा के साथ कनखल में भी विराजते हैं. महारानी धर्मकौर ने कनखल में इस मंदिर का निर्माण करवाया था. जहां लोग पूजा-अर्चना करने दूर-दूर से आते हैं. वैसे तो गंगा के किनारे विराजने वाले राधा कृष्ण की पूजा की शुरुआत करने के लिए सभी दिन अच्छे हैं. लेकिन माना जाता है कि माघ मास की अष्टमी के दिन से मंदिर में पूजा की चालीसा शुरू की जाए तो वह विशेष फलदाई होती है. साथ ही इस मंदिर को सिद्ध और जागृत मंदिर माना जाता है.